मोदी सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाया प्रतिबंध, अरब देशों की बढ़ी परेशानी

News Desk
मोदी सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाया प्रतिबंध, अरब देशों की बढ़ी परेशानी
मोदी सरकार ने चीनी निर्यात पर लगाया प्रतिबंध, अरब देशों की बढ़ी परेशानी
हाइलाइट्स
  • भारत में चीनी निर्यात पर प्रतिबंध की संभावना है, जो अरब देशों के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
  • अरब देशों में चीनी की महंगाई बढ़ सकती है, जिससे उनकी आपूर्ति स्थिति प्रभावित हो सकती है।
  • भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक देश है और इसका चीनी व्यापार अरब दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत में बारिश की कमी के कारण गन्ने की पैदावार में आई कमी ने भारत सरकार को चिंतित किया है, और आगामी त्योहारी सीजन के लिए घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाने का मौका दिया है। इस दिशा में, सरकार ने चीनी निर्यात पर प्रतिबंध की संभावना जताई है। टाइम्स हिंदी की रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत अक्टूबर से अगले 11 महीनों के लिए चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकता है, जिससे यह पहली बार होगा कि भारत चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकेगा।

चीनी निर्यात पर प्रतिबंध के परिणाम:

इस सूचना के प्रकट होने के बाद, अरब देशों के लोगों में चिंता बढ़ गई है। यह क्योंकि भारत पहले से ही चावल और गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध और प्याज के निर्यात पर भारी शुल्क लगाता है, जिसके कारण अरब देशों में इन आवश्यक खाद्य सामग्रियों की महंगाई बढ़ गई है। इसके परिणामस्वरूप, चीनी निर्यात पर प्रतिबंध के नतीजे में यह भी हो सकता है कि अरब देशों में चीनी का स्वाद कड़वा होने की संभावना है।

अरब देशों के लिए खतरा बढ़ सकता है, क्योंकि भारत उनके लिए एक महत्वपूर्ण चीनी आपूर्ति स्रोत है। उनमें से कुछ अरब देश चीनी की कीमतों में वृद्धि के झटके को सहन नहीं कर पाएंगे, जिससे उनके आयात, भण्डारण और उपयोग पर असर पड़ेगा। खासकर, जब उनकी स्थानीय मुद्रा पहले से ही कमजोर है। इसके परिणामस्वरूप, अरब देशों में और महंगाई बढ़ सकती है।

भारत है दुनिया का सबसे बड़ा दूसरा चीनी निर्यातक

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक देश है और इसका चीनी व्यापार अरब दुनिया के सभी देशों के लिए महत्वपूर्ण है। चीनी पहले से ही कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर है, और भारत में गन्ने की पैदावार में हुई कमी वैश्विक चीनी कीमतों में वृद्धि का कारण बन सकती है। इससे वैश्विक बाजारों, खासकर अरब दुनिया में, महंगाई बढ़ने की सशंका है, क्योंकि अरब देश सबसे ज्यादा चीनी भारत से आयात करते हैं।

चीनी निर्यात पर प्रतिबंध का प्रभाव:

इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल कतर ने 90%, यूनाइटेड अरब इमिरेट्स (यूएई) ने 43%, बहरीन ने 34%, और सऊदी अरब और कुवैत ने 28-28% चीनी भारत से खरीदी थी। इससे स्पष्ट है कि खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के सभी देश भारतीय चीनी पर ज्यादा निर्भर हैं, और इससे भारत द्वारा चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से अरब देशों की दिक्कतें बढ़ सकती हैं, क्योंकि इस बीच इन देशों को चीनी के लिए नया विकल्प ढूंढना मुश्किल होगा।

चीनी निर्यात में भारत की भूमिका:

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी निर्यातक देश है, और यह दुनिया भर में अपने चीनी निर्यात में तेजी से वृद्धि कर रहा है। पिछले साल, भारत दुनिया भर में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश बन गया था। वित्तीय वर्ष 2022 में, भारत ने 570 करोड़ डॉलर की मूल्य की चीनी निर्यात की, जबकि 2017 में भारत ने सिर्फ 81 करोड़ डॉलर की चीनी निर्यात की थी।

चीनी निर्यात पर भारत के प्रतिबंध का परिणाम यह हो सकता है कि अरब देशों में चीनी की महंगाई बढ़ सकती है, जो उनके लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है। इसलिए यह अरब देशों के लिए महत्वपूर्ण है कि वे इस परिस्थिति के साथ उच्चतम व्यापारिक नैतिकता और आपूर्ति व्यवस्था के लिए समाधान खोजें।

Share This Article