Go First कंपनी हुई दिवालिया, 28 मई तक रद्द हुई सभी उड़ानें

वित्तीय संकट से जूझ रही Go First एयरलाइन ने अपनी सभी उड़ानें 28 मई तक के लिए कैंसिल कर दी हैं। DGCA इस दौरान कंपनी से रिवाइवल प्लान भी मांग चुका है।

Vinod Baror
By Vinod Baror  - Senior Editor
Go First कंपनी हुई दिवालिया, 28 मई तक रद्द हुई सभी उड़ानें
Go First कंपनी हुई दिवालिया, 28 मई तक रद्द हुई सभी उड़ानें

Go First के विमान अब आसमान पर कब दिखेंगे, ये कहना जरा मुश्किल सा हो गया है। कंपनी की ओर से उड़ाने रद्द करने का सिलसिला लगातार जारी है और इसकी तारीख को लगातार आगे बढ़ाया जा रहा है। आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रही गो फर्स्ट एयरलाइन ने एक बार फिर यात्रियों को बड़ा झटका दिया है। अब कंपनी की सभी फ्लाइट्स 28 मई 2023 तक रद्द कर दी गई हैं, इसके साथ ही टिकटों की बिक्री पर भी रोक बनी रहेगी। बीते 3 मई से एयरलाइन की उड़ानें रद्द हैं और इसकी तारीख लगातार बढ़ती जा रही है।

3 मई से बंद है गो फर्स्ट की फ्लाइट्स

गौरतलब है कि गो फर्स्ट की फ्लाइट्स 3 मई 2023 से बंद पड़ी हैं। एयरलाइन ने अपनी एक याचिका में कहा था कि वह वित्तीय संकट से जूझ रही है। दिवालिया याचिका के बाद डीजीसीए ने एयरलाइन को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसमें पूछा गया था कि आखिर एयरलाइन का लाइसेंस क्यों न रद्द कर दिया जाए। इसके साथ ही गो फर्स्ट को अगले आदेश तक तुंरत प्रभाव से हवाई टिकटों की बिक्री को बंद करने को कहा गया था।

DGCA ने मांगा है रिवाइवल प्लान

इस मामले में एविएशन रेगुलेटर नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने सख्त निर्देश देते हुए अपना रिवाइवल प्लान 30 दिनों के अंदर जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही DGCA ने उससे विमान के उड़ान भरने योग्य जरूरी चीजों की जानकारी भी मांगी है। इसमें विमानों, पायलट और अन्य कर्मचारियों, के साथ मेंटीनेंस और फंड समेत कई चीजों की जानकारी मांगी है।

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सैलरी को लेकर परेशान है कर्मचारी

वित्तीय संकट और उड़ानें रद्द होने की बीच गो फर्स्ट के कर्मचारी अपनी सैलरी को लेकर भी परेशान हैं। टाइम्स हिन्दी की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गो फर्स्ट के सीईओ कौशिक खोना ने एयरलाइंस के कर्मचारियों को भरोसा दिलाया है कि उनके अप्रैल महीने के वेतन को उड़ानें फिर से शुरू करने से पहले क्रेडिट कर दिया जाएगा।

Go First दिवालिया होने के है पाँच बड़े कारण

  1. पहला : NCLT में दायर याचिका में बताया गया है कि कंपनी पर 6,527 करोड़ रुपये का कर्ज हो चुका है।
  2. दूसरा : कंपनी को इंजन मुहैया कराने वाली अमेरिकी कंपनी Pratt & Whitney सप्लाई बंद कर चुकी है।
  3. तीसरा : गो-फर्स्ट के विमान ग्राउंडेड होने के चलते कंपनी के सामने भयंकर नकदी संकट खड़ा हो गया है।
  4. चौथा : एयरलाइंस की बाजार हिस्सेदारी घटी है। मई 2022 में 11।1% से घटकर ये अब 6% के करीब रह गई है।
  5. पांचवां : नियामकीय फाइलिंग की मानें तो गो-फर्स्ट ने FY23 में 218 मिलियन डॉलर का शुद्ध घाटा दर्ज किया। जो पिछले साल के 105 मिलियन डॉलर से लगभग दोगुना है।

2022 से वित्तीय संकट से जूझ रही है कपनी

बीते साल 2022 में कंपनी को पहली बार संकट का सामना करना पड़ा था। जुलाई 2022 में उसे अपना विमान ग्राउंडेड करना पड़ा था। तब से लेकर अब तक लगातार इसकी बाजार हिस्सेदारी में गिरावट देखने को मिल रही है। एक ओर जहां मई 2022 में एयरलाइन ने 1.27 मिलियन यात्रियों हवाई सफर कराया था जब उसकी हिस्सेदारी 11.1 फीसदी थी।

वहीं फरवरी 2023 में यात्रियों की संख्या कम होकर 9,63,000 रह गई और हिस्सेदारी भी इसी क्रम में घटकर 8 फीसदी रह गई, जो अब और भी कम करीब 6.9 फीसदी रह गई है। इसका असर एयरलाइंस की फाइनेंशियल हेल्थ पर भी पड़ा।

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विनोद बरोड को मीडिया के क्षेत्र में 5 साल का अनुभव है और अभी टाइम्स हिन्दी के सीनियर न्यूज एडिटर है। ये क्राइम, देश-विदेश, शिक्षा, लाइफस्टाइल, मनोरंजन, गैजेट्स, ऑटो जैसी बीट पर काम कर रहे है। इनका मकसद शुद्ध, साफ और बेहतरीन स्टोरी लोगों तक पहुंचाना है।