RBI ने इन 8 बैंकों पर लगाया ताला और लाइसेंस किया रद्द, ग्राहकों पर पड़ेगा बुरा असर

News Desk
RBI has locked and canceled the license of these 8 banks

RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) ने अपनी शक्ति का एक और उदाहरण पेश किया है। बीते वित्त वर्ष में RBI ने 8 सहकारी बैंकों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। इस नए कदम के बाद बैंकिंग सेक्टर में गड़बड़ी और गैर- ईमानदारी के खिलाफ सख्ती का संकेत दिया गया है। उन बैंकों के लाइसेंस रद्द करने के पीछे का कारण आरबीआई के नियम का पालन न करना है।

उन 8 बैंकों में विभिन्न नियमों का उल्लंघन अनुचित व्यवहार और पैसे के आदान-प्रदान में देरी आदि की शिकायत दर्ज की गई हैं। आरबीआई हमेशा ग्राहकों के हित में सोचती है, लेकिन कई बार जब कोई बैंक कुछ गलत करने की कोशिश करता है तब उन्हें आरबीआई बड़ी सजा दे देता है। तो चलिए अब हम आपको उन 8 बैंकों के बारे में बताते हैं जिसका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।

इन 8 बैंकों का लाइसेंस हुआ रद्द

  1. मिल्लथ सहकारी बैंक
  2. मुधोल सहकारी बैंक
  3. डेक्कन सहकारी बैंक
  4. रूपी सहकारी बैंक
  5. लक्ष्मी सहकारी बैंक
  6. बाबाजी दाते महिला शहरी बैंक
  7. केसीसीबी सहकारी बैंक
  8. कॉरपोरेशन सहकारी बैंक

5 लाख तक का लगाया जुर्माना

आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार तकरीबन 114 बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है। इससे पहले आरबीआई ने बैंकों को चेतावनी भी दी थी। मगर बैंक उसके बाद भी नियमों का पालन नहीं कर रहे थे। इसलिए उनका लाइसेंस रद्द करा दिया गया है। आरबीआई ने तकरीबन 114 बैंकों पर 50,000 से लेकर 5 लाख तक का जुर्माना लगाया है।

बैंकों में सख़्ती करने की वजह

बैंकिंग सेक्टर में सख़्ती के इस कदम के बाद बैंकों को अपनी प्रणाली में सुधार करने और ग्राहकों का विश्वास तथा सुरक्षित सेवाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी को बढ़ाना होगा। इन बैंको में लाइसेंस रद्द की घटना ने बैंक सेक्टर और उनके ग्राहकों को यह याद दिलाया है कि बैंकिंग सेक्टर में सुधार की आवश्यकता है। इसके अलावा नियमों का पालन करना होगा। इस कदम से लोगों को बैंकिंग सेक्टर में आत्मविश्वास और भरोसा बढ़ेगा तथा समाज में आर्थिक विकास की गति मिलेगी।

आरबीआई द्वारा इस कठोर कार्यवाही ने बैंकिंग सेक्टर में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। बैंकिंग सेक्टर को नियमों का पालन करने और सुरक्षा की गारंटी प्रदान करने के लिए सख़्ती से आगे बढ़ना होगा। आरबीआई ने कहा कि ग्राहकों को भी अपनी सुरक्षा के लिए सतर्क रहना चाहिए और गैर ईमानदारी के खिलाफ आरबीआई में शिकायत दर्ज करानी चाहिए। इससे बैंकिंग सेक्टर की अर्थव्यवस्था अच्छी होगी।

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