चंद सेकेंड में गंगा जी में समाया 1700 करोड़ का पुल, सरकार पर लग रहा है भ्रष्टाचार का आरोप

बिहार के भागलपुर में निर्माणाधीन पुल गिरने से हाहाकार मच गया है। रिपोर्ट के मुताबिक ये पुल 1700 करोड़ की लागत से बनी थी और इसका 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका था। बिहार के सीएम नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहे जाने वाला ये पुल चंद सेकेंड में गंगा नदी में समा गया।

News Desk
Bihar Bridge Collapse

Bihar Bridge Collapse: बिहार के भागलपुर में रविवार को निर्माणाधीन पुल भरभराकर गिर गया और चंद सेकेंड में गंगा नदी में समां गया। इस ब्रिज को एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन (SP Singla Constructions) कंपनी बना रही थी। ये कंपनी राज्य में कई अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम कर रही है। ब्रिज के गिरने से महागठबंधन सरकार सवालों के घेरे में आ गई है।

हालांकि, सीएम नीतीश कुमार ने ब्रिज बना रही कंपनी पर सवाल खड़े किए और कहा- ये एक साल पहले भी गिर गया था। कल फिर गिर गया। इसे ठीक से नहीं बनाया जा रहा था, इसलिए बार बार गिर जा रहा है।

ये पहली बार नहीं है जब बिहार में पुल गिरने से राज्य सरकार की पोल खुली हो। इससे पहले भी कई ऐसे पुल रहे हैं जो उद्घाटन से पहले ही ढेर हो गए हैं और जनता की उम्मीदों पर पानी फिरा है। भागलपुर में पुल गिरने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। पुल के गिरने की मुख्य वजह क्या है ये एक जांच का विषय है।

पहले भी विवादों में रह चुकी है एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी

बता दें कि एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शन कंपनी इससे पहले भी विवादों में रही है। यह कंपनी पहली बार जांच के दायरे में तब आई थी, जब मई 2020 में पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी परियोजना लोहिया पथ चक्र के निर्माण के दौरान कंक्रीट स्लैब गिरने से तीन बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना में पूछताछ हुई लेकिन बाद में क्या हुआ- पता ही नहीं चला, क्योंकि निर्माण कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

2 किलोमीटर तक आई आवाज, गंगा में उठी ऊंची लहरें

1700 करोड़ की लागत वाले इस पुल का निर्माण 2015 में शुरू हुआ था। सुलतानगंज-अगुवानी गंगा नदी पर ये फोर लेन पुल बन रहा था। ये पुल खगड़िया और भागलपुर जिले को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है। पुल बनने के बाद खगड़िया से भागलपुर आने के लिए 90 किलोमीटर की दूरी मात्र 30 किलोमीटर रह जाएगी। रविवार को पुल का करीब 200 मीटर हिस्सा नदी में गिर गया।

पुल के तीन पिलर समेत इनके ऊपर बना स्ट्रक्चर गंगा में समा गया। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि ब्रिज गिरने से करीब दो किलोमीटर दूर तक आवाज आई। इतना ही नहीं इतना बड़ा स्ट्रक्चर गिरने से गंगा नदी में कई फीट ऊंची लहरें उठीं। गंगा में करीब 500 मीटर में मलबा बिखर गया था। पुल गिरने का वीडियो भी सामने आया है।

नीतीश बोले- ठीक से नहीं बन रहा था पुल

नीतीश कुमार ने कहा, कुछ समय पहले भी ऐसा हुआ था। हमने पूछा था कि ऐसा क्यों हुआ है। हमने इसे बहुत पहले बनाना तय किया था। 2012 में इसे बनाने का फैसला किया गया। 2014 में इसे बनाना शुरू किया गया। जिसको भी दिया गया (ठेका), वह इतना देर में क्यों बना रहा है। पहले गिर गया था, 1 साल पहले तब भी हमने कहा था। कल ये फिर गिर गया।

हमने विभाग के लोगों को कहा कि देखिए और एक्शन लीजिए। ये कोई तरीका नहीं है। अभी तक ये होना जाना चाहिए। बहुत हो गया। इतनी देर क्यों हो रही है। मुझे बहुत तकलीफ हुई है। इसे ठीक से नहीं बनाया जा रहा था, इसलिए बार बार गिर जा रहा है।

तेजस्वी बोले- पुल की डिजाइन में फॉल्ट

तेजस्वी यादव ने पुल गिरने के बाद कहा कि ये पहली बार नहीं हुआ है, अप्रैल 2022 में भी यह निर्माणाधीन पुल गिरा था और उस वक्त नेता प्रतिपक्ष रहते हुए हमने इस पर सवाल भी उठाए थे। तेजस्वी यादव ने कहा कि पथ निर्माण विभाग का काम संभालने के बाद हमने इस पुल की जांच आईआईटी रुड़की से कराई जिसके आधार पर पुल के स्ट्रक्चरल डिजाइन में फॉल्ट पाया गया।

इसके बाद क्षतिग्रस्त हिस्से को तोड़कर फिर से उसे बनाने का काम शुरू किया गया। अभी इस पुलिस के पिलर नंबर पांच को लेकर आईआईटी बॉम्बे की रिपोर्ट आनी है। हमने पहले ही इस पुल को लेकर आशंका जताई थी।

बीजेपी ने मांगा नीतीश-तेजस्वी का इस्तीफा

बीजेपी ने इस मामले में महागठबंधन सरकार पर भ्रष्टचार का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांगा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने राज्य सराकर पर निशाना साधते हुए कहा कि पुल गिरने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए चाचा-भतीजा (नीतीश-तेजस्वी) को इस्तीफा दे देना चाहिए।

बता दें कि कुछ ही महीनों के अंतराल पर दूसरी बार यह पुल गिरा है। भागलपुर में निर्माणाधीन पुल गिरने पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि यह निर्माणाधीन पुल 2 बार गिर चुका है, नीतीश तेजस्वी में नैतिकता बची हुई है तो वे तुरंत इस्तीफा दें।

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