गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा Ashok Gehlot के खिलाफ मानहानि मामले की सुनवाई 14 सितंबर को

News Desk
गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा Ashok Gehlot के खिलाफ मानहानि मामले की सुनवाई 14 सितंबर को
गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा Ashok Gehlot के खिलाफ मानहानि मामले की सुनवाई 14 सितंबर को

दिल्ली की एक अदालत ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री Gajendra Singh Shekhawat द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री Ashok Gehlot के खिलाफ दायर मानहानि मामले की अगली सुनवाई 14 सितंबर के लिए तय की है। इस मामले में कथित तौर पर गहलोत द्वारा संजीवनी क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले के सिलसिले में दिए गए “भ्रामक बयानों” के संबंध में बहस हो रही है।

इस मामले में गहलोत और शेखावत दोनों बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट के अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) हरजीत सिंह जसपाल की अदालत में वर्चुअली पेश हुए।

मामले में है एक महत्वपूर्ण ट्विस्ट

इस मामले में एक महत्वपूर्ण ट्विस्ट है, जब दिल्ली की अदालत ने शेखावत की शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया था। जसपाल ने कहा कि जांच ऐसी होनी चाहिए कि तीन मुख्य सवालों के बारे में पूरी तरह से जांच हो सके:

  1. क्या शिकायतकर्ता शेखावत को आरोपी गहलोत द्वारा संजीवनी घोटाले में “आरोपी” के रूप में संबोधित किया गया था?
  2. क्या गहलोत ने कहा था कि शेखावत के खिलाफ लगाए गए आरोप संजीवनी घोटाले में साबित हुए हैं?
  3. क्या शेखावत या उनके परिवार के सदस्यों को घोटाले की जांच में “आरोपी” के रूप में सूचीबद्ध किया गया है?

मामले में गहलोत ने दावा किया है कि शेखावत द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज प्राप्त हो गए हैं। यह दस्तावेज ई-मेल के माध्यम से भेजे गए हैं और प्रतिलिपि एजेंसी के माध्यम से प्रमाणित हो चुके हैं।

14 सितंबर को सुनाई होगी अगली सुनवाई

इस मामले में गहलोत ने शेखावत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। उन्होंने दावा किया है कि शेखावत ने उनके खिलाफ “भ्रामक बयान” दिए हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा पर कोई दुश्मनी बढ़ गई है।

दिल्ली अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख को 14 सितंबर 2023 के रूप में तय किया है। इससे पहले, कोर्ट ने पुलिस को शेखावत की शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया था।

क्या है मामले की गतिरोध

मामले की गतिरोध इसलिए है क्योंकि गहलोत और शेखावत के बीच संजीवनी घोटाले को लेकर विवाद है। गहलोत ने शेखावत को घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है, जबकि शेखावत ने इसके खिलाफ विरोध किया है।

मुख्यमंत्री का बयान

गहलोत ने मामले के बारे में यह कहा कि उनके माता-पिता और पत्नी सहित पूरा शेखावत परिवार संजीवनी घोटाले में शामिल था। वहने उन्होंने मानहानि का मुकदमा दायर करने का स्वागत किया और कहा कि इससे मामला आगे बढ़ेगा।

इस मामले में आरोपी और आरोपी के खिलाफ जारी आरोपों के बीच राजनीतिक उठापटक के चलते यह एक गंभीर और महत्वपूर्ण मामला बन गया है। यह मामला आगे बढ़ सकता है और उसके विकास का संवाद जारी रहेगा। सुनवाई के बाद के निष्कर्षण का इंतजार रहेगा, जो इस मामले के मुद्दों को स्पष्ट कर सकता है।

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