अमित शाह ने संसद मे किया कलावती बंदुरकर का जिक्र, जानें क्या है उनकी कहानी ?

2008 में राहुल गांधी ने कलावती बंदुरकर के घर का दौरा किया था। दौरा करने के बाद, उन्हें महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता मिली। राहुल गांधी ने 2008 में संसद में अविश्वास बहस के दौरान भी उनका उल्लेख किया था।

News Desk
Kalawati Bandurkar will make you cry 1

जलका की एक गरीब किसान विधवा कलावती बंदुरकर बुधवार को फिर सुर्खियों में आ गईं, जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में अपने भाषण के दौरान उनका जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कटाक्ष किया। 2008 में महाराष्ट्र में कृषि संकट के कारण उनके पति ने आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद राहुल गांधी ने बंदुरकर के घर का दौरा किया था।

शाह ने कांग्रेस सांसद पर हमला बोलते हुए कहा, “एक सदस्य को 13 बार राजनीति में लॉन्च किय गया, लेकिन वह 13 बार फेल हो गया। उनकी एक लॉन्चिंग सदन में भी हो चुकी है। वह एक बार गरीब महिला कलावती के घर भोजन करने गए। इसके बाद सदन में गरीबी का दारुण वर्णन किया। इसके बाद उनकी सरकार आई, लेकिन मैं पूछता हूं कि उनकी सरकार ने उस गरीब महिला कलावती के लिए क्या किया? घर, राशन, बिजली उन्हें मोदी सरकार ने उपलब्ध कराई।”

जाने कौन हैं कलावती बंदुरकर, कैसे आईं चर्चा में?

कलावती बांदुरकर यवतमाल के जालका गांव की रहने वाली हैं। यह क्षेत्र किसानों की आत्महत्या को लेकर सुर्खियों में रहा है। कलावती के पति परशुराम ने कृषि संकट के कारण और कर्ज चुकाने के दबाव में 23 दिसंबर, 2005 को आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद उनके दामाद, संजय कालस्कर (25) ने भी दिसंबर 2010 में आत्महत्या कर ली। संजय कालस्कर एक सीमांत किसान थे और एक ऑटो चलाते थे। 2011 में चंद्रपुर जिले के वरोरा के पास राडेगांव में रहने वाली कलावती की दूसरी बेटी सविता खमनकर (27) ने आग लगाकर आत्महत्या कर ली। कलावती आठ बच्चों की मां हैं। उनके दो बच्चे पहले ही मर चुके हैं।

2008 में राहुल गांधी ने कलावती बंदुरकर के घर का दौरा किया था। दौरा करने के बाद, उन्हें महत्वपूर्ण वित्तीय सहायता मिली। राहुल गांधी ने 2008 में संसद में अविश्वास बहस के दौरान भी उनका उल्लेख किया था। हालांकि राहुल गांधी ने सीधे तौर पर उनकी आर्थिक मदद नहीं की, लेकिन कांग्रेस नेता की यात्रा के बाद, NGO सुलभा इंटरनेशनल से 30 लाख रुपये सहित कई तरफ से उन्हें वित्तीय सहायता मिली।

कलावती ने 2009 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान वानी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया था, हालांकि, इसके तुरंत बाद, उन्होंने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। उनकी उम्मीदवारी का समर्थन करने वाले NGO विदर्भ जनांदोलन समिति ने तब कहा था, “उनके (कलावती के) दामाद ने धमकी दी थी कि अगर वह महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ेंगी तो वह आत्महत्या कर लेंगे।”

नितिन गडकरी भी आर्थिक सहायता की पेशकश

पिछले साल भारत जोड़ो यात्रा के दौरान, कलावती ने नवंबर में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता उन्हें वाशिम में उनकी रैली में ले गए थे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कलावती को 1 लाख रुपये की आर्थिक मदद की पेशकश की थी।

NGO से मिली राशि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया की मरागांव शाखा में उनके नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट में रखी गई थी, और बंदुरकर को अपने चार बच्चों की शिक्षा खर्चों को पूरा करने और उन्हें आरामदायक जीवन जीने में मदद करने के लिए 25,000 रुपये का मासिक ब्याज मिलना शुरू हुआ। 2010 में, खबर सामने आई कि उनके दामाद ने अपना कर्ज चुकाने में विफल रहने के बाद कथित तौर पर आत्महत्या कर ली

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